Meta Description: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। Sensex 700 अंक लुढ़का, Nifty 24,350 के नीचे पहुंचा। जानिए इसके पीछे की बड़ी वजहें।

📉 बाजार में भूचाल: सेंसेक्स 700 अंक टूटा
7 अगस्त 2025 को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स Sensex लगभग 710 अंक गिरकर 79,100 के आसपास बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का Nifty 24,350 के नीचे फिसलकर 24,312 तक लुढ़क गया। यह गिरावट बीते तीन महीनों में सबसे बड़ी बताई जा रही है।
🧨 क्या है गिरावट की सबसे बड़ी वजह?

✅ डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ फैसला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए भारत से होने वाले आयात पर अतिरिक्त 25% टैक्स लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है। यह फैसला अमेरिका की घरेलू अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देने की नीति के तहत लिया गया है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय बाजार और निर्यातकों पर पड़ा है।
✅ निर्यात उद्योग पर सीधा असर
इस टैरिफ का सीधा प्रभाव भारत के जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा उद्योग, चमड़ा व्यापार और ऑटो पार्ट्स पर पड़ने वाला है। इन सेक्टरों में निवेश करने वाली कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई।
📊 कौन-कौन से सेक्टर हुए सबसे ज्यादा प्रभावित?
सेक्टर गिरावट (%) कारण
टेक्सटाइल -3.2% टैरिफ से अमेरिकी बाजार में लागत बढ़ेगी
फार्मा -2.8% निर्यात पर दबाव
ऑटो -1.9% अमेरिका में मांग घटने की आशंका
IT -1.5% डॉलर में उतार-चढ़ाव
मेटल्स -2.5% कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि
🌍 वैश्विक संकेत भी रहे कमजोर
केवल ट्रंप के टैरिफ ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों से भी कमजोर संकेत मिले। रूस-यूक्रेन तनाव, चीन की धीमी आर्थिक वृद्धि और अमेरिका में ब्याज दरों की बढ़ती उम्मीदों ने भी विदेशी निवेशकों (FIIs) को सतर्क बना दिया है। इसका नतीजा रहा कि उन्होंने भारतीय बाजार से करीब ₹3,500 करोड़ की निकासी की।
🏦 निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
- लघु अवधि के निवेशक अभी बाजार से दूर रहें, जब तक स्थिरता न लौटे।
- लंबी अवधि के निवेशक इस गिरावट को एक अवसर की तरह देख सकते हैं लेकिन केवल फंडामेंटली मजबूत स्टॉक्स में निवेश करें।
- एक्सपोर्ट सेक्टर में निवेश करने से फिलहाल बचें, जब तक ट्रंप सरकार की नीति स्पष्ट न हो जाए।
📌 निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के इस टैरिफ फैसले ने भारतीय शेयर बाजार की नींव को हिला दिया है। अगर अमेरिका में यह नीति बरकरार रहती है, तो भारतीय निर्यात और निवेश दोनों को बड़ा झटका लग सकता है। सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट संकेत देती है कि ग्लोबल पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक पॉलिसीज भारतीय बाजार को कितनी तेजी से प्रभावित कर सकती हैं।
घटना की विस्तृत पृष्ठभूमि: ट्रंप का टैरिफ हमला और भारतीय शेयर बाजार पर उसका असर
🗓️ दिनांक: 7 अगस्त 2025
आज भारतीय शेयर बाजार में भूचाल सा आ गया जब BSE Sensex 710 अंक लुढ़क गया और NSE Nifty 24,350 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे गिर गया। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह थी — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाना।
https://www.moneycontrol.com/news/business/markets/sensex-declines-over-300
🔍 टैरिफ क्या है और ट्रंप ने यह फैसला क्यों लिया?
टैरिफ (Tariff) यानी आयात शुल्क वह टैक्स होता है जो किसी देश में बाहर से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है।
🛑 ट्रंप ने क्या किया?
ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया।
इस निर्णय का मकसद “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत घरेलू उद्योगों को बचाना और चीन, भारत, मैक्सिको जैसे देशों से आयात पर रोक लगाना है।
📦 कौन-कौन से भारतीय उद्योग होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित?
- जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा खरीदार है। 50% टैरिफ के बाद हीरे और सोने के आभूषणों की कीमतें अमेरिका में बढ़ जाएंगी, जिससे निर्यात घटेगा।
- फार्मास्यूटिकल्स
भारत से अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की बड़ी आपूर्ति होती है। टैरिफ लगने से मूल्य प्रतिस्पर्धा घटेगी।
- कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स
यह सेक्टर पहले ही प्रतिस्पर्धा के दबाव में है। अब अतिरिक्त टैरिफ से निर्यात लागत बढ़ेगी, जिससे अमेरिकी रिटेल कंपनियां अन्य देशों की ओर रुख कर सकती हैं।
- ऑटो पार्ट्स
भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए अमेरिका एक बड़ा बाजार है। इस फैसले से डिमांड में भारी गिरावट आ सकती है।

📉 शेयर बाजार में गिरावट का विश्लेषण
सूचकांक आज का स्तर गिरावट
Sensex 79,100 के करीब -710 अंक
Nifty 24,312 -185 अंक
बड़ी कंपनियों जैसे TCS, Reliance, Sun Pharma, Titan, Tata Motors में 2% से 4% तक गिरावट आई।
लगभग 85% स्टॉक्स लाल निशान में बंद हुए।
- 💰 निवेशकों की रणनीति क्या होनी चाहिए?
🔸 लघु अवधि (Short Term):
बाजार में अभी अस्थिरता बनी रहेगी। ऐसे में ट्रेडिंग से बचें।
केवल मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों को नजर में रखें।
🔸 दीर्घकालिक (Long Term):

यह गिरावट एक अवसर बन सकती है अच्छे शेयरों को सस्ते दामों पर खरीदने का।
लेकिन SIP या निवेश से पहले 1-2 सप्ताह बाजार का ट्रेंड देखें।
🌐 क्या यह सिर्फ भारत की समस्या है?
नहीं, अमेरिका ने रूस और चीन पर भी टैरिफ बढ़ाया है। लेकिन भारत का बाजार ज्यादा खुला और वैश्विक व्यापार पर निर्भर है, इसलिए इसका असर ज्यादा पड़ा है। विदेशी निवेशक अस्थिरता देखकर तेजी से पैसे निकाल रहे हैं।
🔚 निष्कर्ष: ट्रंप की नीति बन गई भारतीय निवेशकों की चुनौती
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अगर यह नीति लागू रहती है, तो इसका असर सिर्फ बाजार तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि भारत की जीडीपी, रोजगार और निर्यात पर भी दिखाई देगा।
अब जरूरत है कि भारत सरकार इस पर राजनयिक स्तर पर सख्त बातचीत करे और घरेलू उद्योगों को राहत देने के लिए रणनीति तैयार करे।
