परिचय:
रेलवे नेटवर्क किसी भी देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवनधारा होती है। भारत में जब भी कोई नई ट्रेन सेवा शुरू होती है, तो वह केवल एक यात्रा का माध्यम नहीं होती, बल्कि एक क्षेत्र के विकास की शुरुआत बन जाती है। रायपुर–जबलपुर एक्सप्रेस एक ऐसी ही सेवा है, जो छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को जोड़ते हुए व्यापार, शिक्षा और पर्यटन के नए रास्ते खोलने जा रही है।

📍 शुभारंभ – उत्सव और गौरव का क्षण
4 अगस्त 2025, रविवार को रायपुर रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक माहौल था। भीड़ उत्साहित थी और माहौल में गर्व का भाव। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस नई सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इससे पहले, इस सेवा का वर्चुअल उद्घाटन केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुजरात के भावनगर से किया। इसी कार्यक्रम में दो अन्य ट्रेनों — रीवा–पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस और भावनगर टर्मिनस–अयोध्या एक्सप्रेस — का भी उद्घाटन किया गया।
🚆 ट्रेन की विशेषताएँ – तेज़, आरामदायक और बहुउद्देशीय
रायपुर–जबलपुर एक्सप्रेस को खासतौर पर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह यात्रियों को तेज़, सुरक्षित और किफायती यात्रा का अनुभव दे। ट्रेन की कोच संरचना और समय-सारणी इसे दैनिक यात्रियों, व्यापारियों, छात्रों और पर्यटकों के लिए उपयुक्त बनाती है।
🔢 कोच संरचना:
कुल कोच: 15
1 एसी चेयर कार
4 नॉन-एसी चेयर कार
8 सामान्य श्रेणी कोच
1 पावर कार
1 एसएलआर (Seating-cum-Luggage Rake) कोच
⏰ समय-सारणी:
ट्रेन संख्या: 11701

रायपुर से प्रस्थान: दोपहर 2:45 बजे
जबलपुर में आगमन: रात 10:45 बजे
इस आठ घंटे की यात्रा में ट्रेन यात्रियों को कुशलता से तीन राज्यों के विभिन्न हिस्सों से जोड़ती है।
🧭 रूट – तीन राज्यों की सीधी कनेक्टिविटी
इस ट्रेन का रूट तीन प्रमुख राज्यों को पार करता है:
राज्य प्रमुख स्टेशन
छत्तीसगढ़ रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव
महाराष्ट्र गोंदिया
मध्य प्रदेश बालाघाट, नरसिंहपुर, जबलपुर
इस सेवा से उन यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा जो अभी तक इन क्षेत्रों के बीच बसों या अलग-अलग ट्रेनों से सफर कर रहे थे।
🌐 तीन राज्यों को क्या मिलेगा लाभ?
🔹 व्यापार को बढ़ावा:
गोंदिया, दुर्ग, रायपुर और जबलपुर जैसे औद्योगिक और व्यापारिक हब अब बेहतर तरीके से जुड़े हैं। इससे लॉजिस्टिक्स, स्मॉल इंडस्ट्रीज़ और ट्रेडिंग को बड़ी राहत मिलेगी।
🔹 शिक्षा और चिकित्सा पहुंच:
छात्रों और मरीजों को रायपुर या जबलपुर जैसे शैक्षणिक और मेडिकल सेंटर तक सस्ती और सीधी यात्रा सुविधा मिलेगी।
🔹 पर्यटन को मिलेगा बल:
धुआंधार जलप्रपात (जबलपुर), भेड़ाघाट, और छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थलों की पहुंच अब अधिक सुविधाजनक हो गई है। इससे घरेलू पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
🔹 आर्थिक अवसर:
रेलवे सेवाओं के विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोज़गार, स्टेशन विकास और ट्रांसपोर्ट बिज़नेस को मजबूती मिलेगी।
🎯 सरकार की सोच – संपर्क से समृद्धि की ओर

इस ट्रेन सेवा की शुरुआत केंद्र और राज्य सरकारों के उस साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें “कनेक्टिविटी = विकास” को आधार बनाया गया है। प्रधानमंत्री के “विकसित भारत @2047” के विज़न के अनुरूप, यह ट्रेन सेवा पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत को जोड़ने की दिशा में एक और प्रभावी कदम है।
🔚 निष्कर्ष
रायपुर–जबलपुर एक्सप्रेस न सिर्फ यात्रा को सरल बनाएगी, बल्कि समाज, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण जरिया बनेगी। यह एक नई शुरुआत है — जहाँ रेल सिर्फ पटरी पर नहीं, बल्कि विकास के रास्ते पर दौड़ रही है।
- पहली बार सीधे जुड़ रहे हैं ये ज़िले
इस ट्रेन सेवा के ज़रिए कुछ ऐसे ज़िले भी पहली बार सीधे जुड़े हैं जो पहले बसों या लंबी दूरी की ट्रेनों के भरोसे थे, जैसे:
बालाघाट (म.प्र.) को अब रायपुर और जबलपुर से सीधी और नियमित ट्रेन सेवा मिल रही है।
गोंदिया (महाराष्ट्र), जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच ट्रांज़िट ज़ोन है, अब एक सुलभ रेलवे कड़ी बन गया है।
🌄 2. पर्यटन स्थलों के लिए वरदान
रायपुर–जबलपुर एक्सप्रेस न केवल व्यापार के लिए, बल्कि पर्यटन के लिए भी एक वरदान बन रही है:
जबलपुर: भेड़ाघाट, धुआंधार जलप्रपात, मदन महल किला
बालाघाट: कान्हा नेशनल पार्क (निकटवर्ती)
गोंदिया: वन पर्यटन और नवेगांव नेशनल पार्क
रायपुर: नंदनवन जंगल सफारी, महंत घासीदास संग्रहालय
अब इन स्थलों तक पहुँचना सस्ता और सुविधाजनक होगा, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
🛠️ 3. इंजन और तकनीक
ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा चलाया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल है।
इससे ईंधन की बचत होती है और कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।
ट्रेन के सभी कोच LHB डिज़ाइन पर आधारित हैं, जो अधिक सुरक्षित, स्थिर और तेज़ गति प्रदान करते हैं।
🧾 4. किराया और टिकट बुकिंग की स्थिति
AC चेयर कार का शुरुआती किराया ₹495 – ₹520 (लगभग) रहेगा।
चेयर कार का किराया ₹180 – ₹250 के बीच और
सामान्य कोच का किराया ₹90 – ₹120 (यात्रा की दूरी के अनुसार) होगा।
यह ट्रेन IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर बुकिंग के लिए लाइव है और शुरुआत के कुछ दिनों में भारी मांग देखी जा रही है।
🚉 5. स्टेशन अपग्रेड और सुविधाएँ
रायपुर, गोंदिया और जबलपुर रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन के लिए:
नए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड,
महिलाओं के लिए अलग वेटिंग एरिया,
ऑन-बोर्ड सफाई,
और QR कोड स्कैनर आधारित टिकट जांच प्रणाली की सुविधा शुरू की जा रही है।
🗣️ 6. स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं
छात्रों ने इसे “Knowledge Corridor” कहा है, क्योंकि यह उन्हें शिक्षा के बड़े केंद्रों से जोड़ती है।
कारोबारी वर्ग ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स का खर्च कम होगा और समय की बचत होगी।
यात्रियों ने कहा, “अब हर हफ्ते बस पकड़ने की परेशानी नहीं होगी, ये ट्रेन तो हर दिन उपलब्ध है।”
🌍 7. भविष्य की योजना
रेलवे मंत्रालय इस रूट पर ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और कुछ स्टॉपेज जोड़ने पर विचार कर रहा है जैसे:
राजनांदगांव,
तिरोरा,
और मंडला रोड (MP)
https://timesofindia.indiatimes.com/city/raipur/raipurjabalpur-express-flagged-off
