India vs Pakistan Asia Cup 2025: शहीदों के बाद क्रिकेट या राष्ट्र सम्मान?
नई दिल्ली |
14 सितंबर 2025 को खेले जाने वाले भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच ने देशभर में राजनीतिक और सामाजिक तूफान खड़ा कर दिया है। यह मुकाबला महज एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि एक बड़ा राष्ट्रीय विमर्श बन गया है—क्या शहीदों की शहादत के बाद पाकिस्तान से खेला जाना देश की भावना के खिलाफ नहीं?
🧨 पहलगाम हमला और उसका असर

कुछ ही महीने पहले, अप्रैल 2025 में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले में 18 भारतीय जवान शहीद हुए थे। यह हमला पूरे देश को झकझोर गया था और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदमों की मांग उठी थी।
इसी पृष्ठभूमि में जब एशिया कप 2025 का कार्यक्रम घोषित हुआ और उसमें भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला 14 सितंबर को निर्धारित किया गया, तब “क्रिकेट से बड़ा राष्ट्र” की भावना दोबारा सामने आई।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया: ‘खून के बदले मनोरंजन नहीं!’
विपक्षी दलों और कई सैनिक संगठनों ने इस मैच पर तीखी आपत्ति जताई है।
एक सांसद ने कहा:
“हम शहीदों के खून पर क्रिकेट नहीं खेल सकते। पाकिस्तान के साथ खेलना, उस आतंकी सोच को मौन समर्थन देना है जिसने हमारे जवानों को मारा।”
BoycottIndVsPak और #StopCricketWithPakistan जैसे ट्रेंड सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं।
💰 मुनाफा बनाम राष्ट्रभक्ति की बहस
बीसीसीआई और आयोजनकर्ताओं के लिए यह मुकाबला करोड़ों की कमाई का जरिया है। लेकिन कई लोग सवाल कर रहे हैं:
“क्या कुछ करोड़ की कमाई, हमारे जवानों की जान से बड़ी है?”
इस बहस ने एक बड़ा नैतिक प्रश्न खड़ा किया है—क्या देश की सीमाओं की रक्षा में शहीद हुए जवानों के बलिदान को क्रिकेट की ग्लैमर से ढंक देना चाहिए?
🏏 फैन्स भी बंटे: खेल बनाम संवेदना

जहां कुछ फैन्स क्रिकेट को राजनीति से अलग रखने की बात कर रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में युवा और सैनिक परिवार इस फैसले से आहत हैं।
एक सैनिक की पत्नी ने कहा:
“अगर मेरी तरह किसी ने अपने पति को खोया होता, तो उसे भी ये मैच खेला जाना देशद्रोह जैसा लगता।”
- 🇮🇳 देश बनाम खेल: एक गंभीर सवाल
14 सितंबर 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला एशिया कप क्रिकेट मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि देशभक्ति बनाम खेल भावना की बहस बन गया है।
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 18 जवानों की शहादत के बाद यह सवाल और भी गहरा हो गया है:
क्या हमें ऐसे देश के साथ क्रिकेट खेलना चाहिए, जहां से आतंकवाद को समर्थन मिलता है?
🧡 जनता की भावना: “हमारे लिए शहीद पहले हैं, क्रिकेट बाद में”
सोशल मीडिया से लेकर गाँव की चौपालों तक, एक ही बात गूंज रही है:
“शहीदों का खून ठंडा नहीं हुआ, और हम उनके हत्यारों से मैच खेलेंगे?”
लाखों भारतीय ट्विटर पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
CricketOrNation, #BoycottPakistanMatch, और #NoCricketWithEnemy जैसे हैशटैग वायरल हो चुके हैं।
🧠 क्या सिर्फ BCCI या सरकार जिम्मेदार है?
बीसीसीआई कहता है कि यह सिर्फ एक क्रिकेटिंग टूरनामेंट है, लेकिन सवाल यह है कि:
क्या देशभक्ति सिर्फ सैनिकों का फर्ज है? क्या हम सबको एकजुट होकर https://www.ndtv.com/india-news/india-pakistan-clash-in-asia-cup संदेश नहीं देना चाहिए कि “राष्ट्र सर्वोपरि है”?
🎙️ “Cricket नहीं, Character दिखाइए” – सैनिक परिवारों की अपील
एक शहीद की बेटी ने NDTV को दिए इंटरव्यू में कहा:
“पापा बॉर्डर पर देश के लिए लड़े और शहीद हुए। अब हम चाहते हैं कि देश क्रिकेट से नहीं, चरित्र से जवाब दे।”
📢 देशवासी क्या कर सकते हैं?
इस विषय पर सोशल मीडिया पर अपनी राय रखें
मीडिया से अपील करें कि राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता दें
BCCI और केंद्र सरकार को शांतिपूर्ण विरोध से चेताएं
क्रिकेट की जगह शहीदों की याद में एकता मार्च या श्रद्धांजलि आयोजन करें
🔚 निष्कर्ष: देश पहले या क्रिकेट?
India vs Pakistan Asia Cup 2025 का मुकाबला अब सिर्फ स्टेडियम में नहीं, देश के दिलों में भी लड़ा जा रहा है।
यह सिर्फ सवाल नहीं, एक संवेदनशील परीक्षा है—कि क्या हम राष्ट्रीय सम्मान को व्यवसाय और मनोरंजन से ऊपर रख सकते हैं?
आपकी राय क्या है? क्या यह मैच होना चाहिए या हमें पाकिस्तान को हर मोर्चे पर बायकॉट करना चाहिए?
