Akash Prime Missile Test at 15,000 Ft in Ladakh – भारत की नई हवाई ढाल चीन और पाक के खिलाफ

लद्दाख की दुर्गम ऊँचाइयों पर भारत ने अपनी सैन्य क्षमता का एक और अद्भुत प्रदर्शन किया है। DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी “आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम” (Akash Prime Air Defence System) का सफल परीक्षण 15,000 फीट की ऊँचाई पर किया गया – और यह भारत की हवाई सुरक्षा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गया।

🇮🇳 क्या है Akash Prime?

आकाश प्राइम, भारत का अगली पीढ़ी का एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे DRDO ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य दुश्मनों के लड़ाकू विमान, ड्रोन, हेलीकॉप्टर और क्रूज़ मिसाइल जैसे हवाई खतरों को इंटरसेप्ट कर हवा में ही नष्ट करना है। यह पुरानी आकाश मिसाइल प्रणाली का उन्नत और अधिक सक्षम संस्करण है।

यह सिस्टम उच्च ऊंचाई पर, कम तापमान और पतली हवा जैसी विषम परिस्थितियों में भी पूरी दक्षता से काम कर सकता है। इसका सफल परीक्षण लद्दाख जैसे सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में होना, भारत की तैयारी और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

🔬 क्या हुआ परीक्षण में?

इस ऐतिहासिक दिन, आकाश प्राइम ने बहुत तेज़ गति से उड़ने वाले दो लक्ष्य विमानों को हवा में सटीकता से निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। यह परीक्षण ऐसे इलाके में हुआ जहां ऑक्सीजन की कमी और मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं। इसके बावजूद मिसाइलों की प्रदर्शन क्षमता पूरी तरह से सफल रही।

रक्षा अधिकारियों के अनुसार, आकाश प्राइम सिस्टम जल्द ही भारतीय सेना की तीसरी और चौथी रेजिमेंट का हिस्सा बनेगा, जिससे हवाई हमलों के खिलाफ सेना की तत्परता और बढ़ जाएगी।

🎯 ऑपरेशन सिंदूर में भी निभाई थी अहम भूमिका

सूत्रों की मानें तो “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भी आकाश प्राइम सिस्टम की भूमिका बेहद सराहनीय रही। उस ऑपरेशन के दौरान इसने उड़ते टारगेट को रियल टाइम में लॉक कर उसे हवा में खत्म किया था – यह दर्शाता है कि सिस्टम युद्ध के असली माहौल में भी पूरी तरह से सक्षम है।


🛰️ चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी

इस परीक्षण से भारत ने न सिर्फ अपनी ताकत दिखाई है, बल्कि चीन और पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश भी दिया है: अब भारत सिर्फ जवाब देने वाला देश नहीं, बल्कि पहले से तैयार रहने वाला राष्ट्र बन चुका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली सीमा क्षेत्रों पर तैनात होने के बाद LoC और LAC पर दुश्मनों के हवाई हमलों, ड्रोन गतिविधियों और मिसाइल लॉन्च की कोशिशों को तुरंत नाकाम कर सकेगी।

🔧 Akash Prime की तकनीकी खूबियाँ:

15–25 किमी तक की रेंज में हवाई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट करने की क्षमता

अत्यधिक ऊंचाई और ठंडे मौसम में कार्य करने में सक्षम

GPS-निर्देशित टारगेट ट्रैकिंग

ऑटोमैटिक डिटेक्शन और लॉन्च

ECM (Electronic Counter Measure) प्रूफ सुरक्षा

स्वदेशी रडार से सिंक्रनाइज़ेशन

🔐 भारत की रक्षा नीति में ऐतिहासिक कदम

https://www.aajtak.in/amp/defence-news/story/su

यह परीक्षण सिर्फ एक तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे भारत की रक्षा जरूरतों में विदेशी निर्भरता घटेगी और देश को रणनीतिक रूप से और भी सशक्त बनाएगा।

📌 निष्कर्ष:

लद्दाख में 15,000 फीट की ऊंचाई पर आकाश प्राइम का सफल परीक्षण भारत की सैन्य नीति में एक नई सुबह की शुरुआत है। यह न केवल दुश्मनों को चेतावनी देता है, बल्कि विश्व को यह भी दिखाता है कि भारत अब अत्याधुनिक सैन्य तकनीक के मामले में किसी से पीछे नहीं।

अब भारत तैयार है – हवा में, ज़मीन पर और दुश्मन के हर इरादे के खिलाफ

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